रिपब्लिक भारत न्यूज़ 30-09-2024
पावर इंजीनियर एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की बैठक आज30.09. 2024 को हुई जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें मुख्यतः अभियंताओं की रुकी हुई पदोन्नति और सरकार द्वारा गठित उप समिति की प्रथम बैठक में हुआ चर्चा पर विचार विमर्श हुआ।
पावर इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने कहा की उप समिति की प्रथम बैठक के जो कार्यवृत्त (मिनट्स ऑफ़ मीटिंग) सोशल मीडिया पे प्रसारित रहे हैं उन्हें पड़ के यह लगता है जिसने भी उप समिति के सामने प्रस्तुति दी है। वह पावर सेक्टर के कार्यप्रणाली से अनभिज्ञ था। सभी सदस्यों ने ऐसा महसूस किया की कहीं न कहीं सरकार को गुमराह किया जा रहा है। पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने यह फैसला किया की वह उप समिति से यह अनुरोध करेंगे की कोई भी फैसला लेने से पहले, उनके एक प्रतिनिधि मंडल को उप समिति के समक्ष अपनी बात रखने का मौका दिया जाये ।
इसके अलावा सदस्यों ने इस बात पर गहरी चिंता जताई की बिजली बोर्ड में अभियंताओं की पदोन्नति लगभग 6 महीने से नहीं हुई है, जिसके चलते केवल बिजली बोर्ड में ही 7 अधीक्षण अभियंता पद खाली चल रहे हैं। लोकेश ठाकुर ने कहा की जहाँ इसमें कोई शक नहीं है की बिजली बोर्ड में निचले स्तर पर फील्ड टेक्निकल स्टाफ की भारी कमी है, पर अभियंता स्तर पर कृत्रिम कमी पैदा करने से बोर्ड का कामकाज पर आगे जा कर काफी फर्क पड़ेगा। इसके अलावा समय पर पदोन्नति न मिलने से अभियन्ता भी काफी हताश है।
पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने कहा की मौजूदा सरकार ने एक चीफ इंजीनियर और एक अधीक्षण अभियंता का पद सृजित किया है जिस से यह स्पष्ट है की सरकार को यह एहसास है की आने वाले समय में अभियंता का काम और बढ़ने वाला है।
बिजली किसी आम कमोडिटी की तरह नहीं है जिसको सिर्फ खरीदना और बेचना होता है। इस सेक्टर में बहुत चुनौतियां है जो आने वाले समय में बढ़ने वाली है, क्योंकि इलेक्ट्रिकल व्हीकल, सोलर एनर्जी, और रिन्यूएबल एनर्जी के ज़माने में बिजली उत्पादन और वितरण दोनों ही चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं।
मीटिंग के अंत में सभी सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री को अच्छे स्वास्थ्य की कामना की, और यह फैसला लिया की उनके स्वस्थ होने के बाद एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिल करके उन्हें सभी मुद्दों से अवगत करवाएगा।