प्रदेश सरकार को कर्मचारियों का मंगलवार तक का अल्टीमेटम, वरना मानसून सत्र में काले बिल्ले पहनकर करेंगे काम

रिपब्लिक भारत न्यूज़ 23-08-2024

मंत्री राजेश धर्माणी  के बयान के बाद  हिमाचल प्रदेश सरकार की मुश्किलें  बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। पहले तो सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ एरियर और डीए का लाभ ना मिलने से सरकार से खफा थे वहीं, राजेश धर्माणी के एक बयान ने अब आग में घी डालने का काम कर दिया है।
अब हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ   ने सरकार को मंगलवार तक का अल्टीमेटम जारी किया है, जिसमें अपनी मांगों पर वार्ता की मांग की गई है। अगर सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो कर्मचारी मॉनसून सत्र के दौरान काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे। साथ ही, 10 सितंबर से आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी गई है। कर्मचारी, मंत्री राजेश धर्माणी   के बयान से भड़के हुए हैं और उन पर तीखा हमला बोला है।’

हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों का लंबित डीए और एरियर  का मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा है। सचिवालय कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है आज सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ ने फिर से जनरल हाउस किया और सरकार के खिलाफ जमकर गुब्बार निकाला। दो दिन पहले हुए हाऊस के बाद कर्मचरियों को उम्मीद थी कि सरकार की ओर से वार्ता के लिए बुलाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिससे कर्मचारी खासे गुस्से में है। इस दौरान कर्मचारियों ने मंत्री राजेश धर्माणी के बयान पर रोष जताया और उन्हें यह तक कह दिया कि वे मंत्री बनने के काबिल ही नहीं हैं।

 कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर फिजूलखर्ची करने का आरोप  लगाया है औ कहा कि कर्मचारियों के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है जबकि सरकार के मंत्री, सीपीएस और विभागाध्यक्षों द्वारा बेतरतीब फिजूलखर्ची की जा रही है। माननीयों के लिए फिजूलखर्ची और अधिकारियों की नाकामियों के चलते ही प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर कर्मचारियों की मांगो को नहीं माना गया तो कर्मचारियों ने ये तय किया है कि सरकार यदि मंगलवार 27 अगस्त विधानसभा सेशन से पहले वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो तो कर्मचारी विधानसभा सेशन के दौरान काले बिल्ले लगाकर विरोध जाहिर करेंगे और विधानसभा सेशन के बाद 10 सितंबर से आंदोलन को और तेज करेंगे।

वहीं, संजीव शर्मा ने मंत्री राजेश धर्माणी   के बयां पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजेश धर्माणी सीएम सुक्खू के खास मित्र हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने बयान दिया है उससे लग रहा है कि वे सीएम के शत्रु हैं। राजेश धर्माणी बयां के लिए माफी मांगे अन्यथा अंजाम भुगतने को तैयार रहे। धर्माणी में मंत्री बनने की काबिलियत नहीं है इसलिए पूर्व कांग्रेस सरकार ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया था। मंत्री में अगर दम है तो बिलासपुर छोड़ कर कहीं और से चुनाव लड़कर दिखाए।

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