रिपब्लिक भारत न्यूज़ 18-07-2025
पहाड़ों की रानी कहा जाने वाला शिमला अंतरराष्ट्रीय सैरगाह जैसे कई अलंकारों से सुसज्जित होने के बावजूद स्वच्छता के मामले में देश के 300 शहरों की फेहरिस्त में भी शामिल नहीं है। स्मार्ट सिटी में स्वच्छता के बदहाल होने से शहर वासियों के साथ-साथ यहां आने वाले सैलानी भी परेशान हैं। इसे अफसरशाही की नजरअंदाजी कहें अथवा लापरवाही मगर, हकीकत यह है कि शहर की सडक़ों को साफ करने के लिए करोड़ों की रकम खर्च कर खरीदी गई झाड़ू मार मशीन रिज पर लाइब्रेरी के समीप सडक़ की शोभा बढ़ा रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार प्रदान किए। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और अन्य लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इससे पहले बीते रोज ही देश के शहरों की स्वच्छता रैंकिंग की फेहरिस्त जारी की गई। स्वच्छता सर्वेक्षण देश के 824 शहरों में किया गया। 2024-25 की स्वच्छता रैंकिंग में शिमला इन 824 शहरों में 347वें स्थान पर था।
यह शिमला की अब तक की सबसे नीचे की स्वच्छता रैकिंग है। इससे पहले 2019 में शिमला 198, 2020 में 65, 2021 में 76, 2022 में 56 तथा 2023 में 188 वीं रैंकिंग पर था। विडंबना तो यह है कि शिमला का पारंपरिक गौरव लौटाने की बातें तो राजनेता सालों नहीं दशकों से कर रहे हैं, मगर यह गौरव किस तरह लौटाया गया इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2015 से अब तक हिमाचल का नंबर वन स्वच्छ शहर रहने वाला शिमला इस बार प्रदेश में भी तीसरे नंबर पर खिसक गया है। प्रदेश में ठियोग पहली व नादौन दूसरी पायदान पर है।