रिपब्लिक भारत न्यूज़ 23-12-2024
एस एफ आई हिमाचल की दो दिवसीय राज्य कार्यशाला का आरंभ आज सोलन में हुआ। जिसका उद्घाटन एस एफ आई हिमाचल के भूतपूर्व में रहे राज्य उपाध्यक्ष मोहित वर्मा ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में भाजपा सरकार द्वारा जिस तरीके से देश में सांप्रदायिकता तथा नफरत का माहौल तैयार किया जा रहा है यह देश की एकता-अखंडता तथा भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला है।
जिससे हमारा हिमाचल भी अछूता नहीं है। अभी हालिया के उदाहरण में हम शिमला में देखते हैं कि किस तरीके से दो व्यक्तियों के विवाद को भाजपा व RSS के लोगों द्वारा सांप्रदायिकता का रूप गया। जिसका प्रयोग बहुसंख्यक हिंदुत्व के रूप में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ किया जाता है। इसलिए एस एफ आई जैसे प्रगतिशील, वैज्ञानिक छात्र संगठन की यह जिम्मेदारी बनती हैं कि वे ऐसे सांप्रदायिक तत्वों का जनता की व्यापक एकता स्थापित करते हुए खुले मंच से विरोध करें। ताकि लोगों में आपसी भाईचारा तथा सौहार्द जिंदा रहे ।
इसके बाद छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय घटनाओं पर चर्चा परीचर्चा की। नव उदारवाद नीतियों के चलते अमीर व गरीब के बीच खाई बढ़ती चली जा रही है। परिणाम स्वरूप सरकारी संस्थाओं का लगातार निजीकरण किया जा रहा है या उन्हें समाप्त करने की मुहिम शुरू कर दी गई है। जिसका जीता जागता उदाहरण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 है। इस नीति के लागू होने के पश्चात देश में 51000 से ज्यादा सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनको बंद कर दिया गया है। जिसके कारण समाज का एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जो शिक्षा के मूलभूत अधिकार से दूर होता जा रहा है। जिसकी खिलाफत एस एफ आई पूरे देश भर में कर रही है।
हिमाचल में कांग्रेस सरकार भी इसी प्रकार की नीतियां लागू कर रही है। बेरोजगारी अपने चरम से सीमा पर है। प्रदेश में कुल बेरोजगारी दर 6.2% है।जिसमें पुरुषों के लिए यह दर 3.9% तथा महिलाओं के लिए 8.6% है़। 9 लाख से ज्यादा प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगार हैं, जिसकी वास्तविकता में संख्या इससे भी अधिक है। स्थाई रोजगार को लगातार खत्म किया जा रहा है तथा गेस्ट फैकल्टी के तौर पर अध्यापक तथा आउटसोर्स पर भर्तीयां की जा रही है। जिससे सरकार की मंशा साफ दिखती है कि वह युवाओं को स्थाई रोजगार देने में बिल्कुल असमर्थ है। परिणाम स्वरूप प्रदेश आज देश का दूसरा सबसे बड़ा बेरोजगार राज्य बनकर उभरा है। जिसके कारण युवाओं में सरकार के खिलाफ व्यापक असंतोष हैं।
SFI इस राज्य कार्यशाला के बाद पूरे हिमाचल प्रदेश में छात्र आंदोलन को मजबूत करेगी और सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन को तेज करगी ।।