रिपब्लिक भारत न्यूज़ 20-07-2025
पूर्व केंद्रीय मंत्री, हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद व बठिंडा एम्स संस्थागत और एम्स गवर्निंग बॉडी मेंबर,स्टैंडिंग एस्टेट समिति के अध्यक्ष श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज एम्स बठिंडा में प्रेसिडेंट श्री अनिल गुप्ता, एक्जीक्यूटिव डायरेकेटर प्रोफ़ेसर मीनू सिंह व उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सेवाओं व एम्स बठिंडा की प्रशासनिक कार्यप्रणाली से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की। श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एम्स बठिंडा परिसर में एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम के अन्तर्गत पेड़ लगा कर वृक्षारोपण के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम किया”
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारत तेज़ी से विकासशील से विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। अन्य क्षेत्रों के साथ साथ मोदी सरकार के पिछले 11 वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और बुनियादी ढांचे में सुधार के कारण महामारी को विश्वसनीय तरीके से नियंत्रित किया जा सका। इलाज को अफोर्डेबल बनाना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और इसका अप्रोच सिर्फ हेल्थ केयर नहीं बल्कि वेलनेस है। देश भर में एम्स की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है”
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ आज बठिंडा AIIMS institutional and AIIMS governing body member के रूप में बठिंडा एम्स के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सेवाओं व एम्स बठिंडा की प्रशासनिक कार्यप्रणाली से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा करने का सुअवसर मिला। यह देखना सुखद है कि एम्स बठिंडा के निर्माण से पंजाब व राजस्थान के कई ज़िलों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ मिल रही हैं जिस से लोगों में प्रसन्नता है। स्थानीय लोगों से बात करके पता चला कि वो मोदी सरकार द्वारा बनवाये गये इस एम्स का भरपूर लाभ ले हैं। साल के ३ लाख से भी ज़्यादा opds और ३० हज़ार ipds इसका प्रमाण है।एम्स बठिंडा में मरीज़ के साथ आये तीमारदार को रात्रि में रुकने की व्यवस्था मिलने से जनता को बड़ी सुविधा मिल रही है। लोग इस बड़ी स्वास्थ्य सेवा के लिए केंद्र सरकार के आभारी हैं”
श्री अनुराग सिंह ठाकुर में कहा “ एम्स अपनी क्वालिटी और सस्ते इलाज के लिए जाने जाते हैं। जब मरीज सब जगह इलाज कराने के बाद थक चुका होता है तो एम्स पहुंचता है। उसे एम्स पर पूरा भरोसा होता है कि यहां बेहतर इलाज मिलेगा और बीमारी दूर होगी। लेकिन देश का दुर्भाग्य था कि दशकों तक एम्स के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया गया। 1956 में दिल्ली में एम्स का निर्माण किया गया था। इसके बाद वाजपेयी सरकार में इसके निर्माण की दिशा में पहल की गई। 2014 तक देश में 6 एम्स थे। मोदी सरकार ने एम्स के निर्माण पर ध्यान दिया तो इस तरह निर्माणाधीन और सेवारत एम्स की कुल संख्या बढ़ कर 26 तक पहुंच गई।यह उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं के की ओर मोदी सरकार की चिंता और पहल को दिखाता है”