रिपब्लिक भारत न्यूज़ 28-11-2024
हिमाचल प्रदेश में बनी संक्रमण, बुखार, बीपी सहित 30 से अधिक दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। एक तरफ जहां लोग विभिन्न तरह की बीमारियों के लिए दवाओं का सेवन करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब इसके सैंपल फेल होने से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।
इसकी रिपोर्ट आई तो देश में बनी 90 दवाइयां मानकों पर सही नहीं पाई गई। हैरानी तो इस बात की है कि देशभर में फैल हुई 90 दवाओं में से अकेले हिमाचल में 38 दवाएं बनीं हैं।
उधर, राज्य ड्रग नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि कंपनियों को नाेटिस जारी कर दिए गए है और दवाओं का स्टॉक भी वापस मंगवाया गया है।
बता दें कि अक्तूबर में देशभर में 34 सैंपल लिए गए थे जिनमें हिमाचल में बनीं 14 दवाएं फैल हुई हैं। इनमें सोलन के चिरोस फार्मा की जीवाणू संक्रमण की दवा सेफोप्रोक्स, भटोली कलां की टास मेड कंपनी की मिर्गी की दवा डिवालप्रोक्स के तीन सैंपल, झाड़माजरी की डॉक्सीन कंपनी की टॉन्सिल की दवा सेपकेम, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित सीएमजी बायोटेक कंपनी की चक्कर आने की दवा बीटा हिस्टीन, नालागढ़ के सैणी माजरा स्थित थियोन फार्मास्युटिकल कंपनी की बैक्टीरिया की दवा सेफेक्मीस, बद्दी के जुड़ी कलां की स्काई मेप फार्मास्युटिकल कंपनी की बुखार की दवा बायोसिटामोल, सुबाथू की गटी स्थित जेएम लैबोरेट्री की बीपी की दवा टारविग्रेस, बद्दी के विंग बायोटेक की दमे की दवा मोंटी लुकास्ट, बद्दी के मलकू माजरा की कंपनी मट्रिन एवं ब्राउन कंपनी की उल्टी की दवा स्टेमेरिल इंजेक्शन, बद्दी के लोधी माजरी की सनफाइन कंपनी का खांसी का कफ सीरप, मोरपिन लैबरोटरी की दमा की मोंटीलुकास्ट, किशनपुरा के एलविस फार्मा की पेशाब के संक्रमण की दवा अल्सिप्रो के सैंपल फैल हुए है।
इसके अलावा केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन की ओर से 56 दवाओं के सैंपल लिए गए थे जिसमें हिमाचल में बनीं 24 दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई। इनमें बागवानियां स्थित यूनाइटेड बायोटेक कंपनी की कैंसर की दवा लिपोसोमल, कालाअंब स्थित प्रिमस फार्मास्युटिकल कंपनी की फंगल इंफेक्शन की दवा नेटमाइसिन, केविट फार्मास्युटिकल कंपनी बद्दी की सूजन की दवा ट्रिपिसन, कालाअंब की विद्याशाला कंपनी के कोलेस्ट्रोल की दवा रोसूवाईस्टोरिन, बद्दी के मानपुरा स्थित शिवा बायोटेक कंपनी की उल्टी की दवा रेबेप्रोजोल, मधाला स्थित मेरिन मेडिकेयर कंपनी की सूजन की दवा एसोक्लोफेनाक, मलकू माजरा स्थित मार्टिन एंड ब्राउन की एनीमिया की दवा आयरन सुक्रोज, बरोटीवाला के मंधाला स्थित ईजी फार्मास्युटिकल कंपनी के सूजन की दवा बेटा मेथासोन, लविश आइडल फार्मेसी कंपनी की एंटीबायोटेक की दवा एनरोपाक्सासिन, काठा स्थित अल्ट्रा ड्रग कंपनी की उल्टी की दवा रेबोप्रोजोल के सैंपल फेल हुए हैं।
कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित सीएमजी बायोटेक कंपनी की संक्रमण की दवा सिपरो फ्लोक्सासिन, खरुणी के नंदपुर स्थित तनिष्का फार्मास्युटिकल कंपनी की एसिड की मात्रा कम करने की दवा एसोमेप्राजोल, बद्दी की कोरफेक्स मेडिकर कंपनी की बीपी की दवा टेलमीसारटन, बद्दी के किशनपुरा स्थित एलवेंटा फार्मा की सूजन की दवा एसेक्लोपेनाक, कालाअंब के ओगली स्थित ओरिसन फार्मा की हार्ट की दवा एनालाप्रिल, थाना बद्दी की नेपचुन लाइफ साइंस की फंगल इंफेक्शन की दवा टबिनाफोर्स, बद्दी के संडोली स्थित हेल्थ बायोटेक कंपनी की निमोनिया की दवा अमोक्सीक्लीन झाड़माजरी की कलरेक्स हेल्थकेयर कंपनी की अल्सर की दवा रेबोप्रोजोल, भटोली कलां की मेडिवेल बायोटेक की निमोनिया की दवा अमोक्सीक्लीन के सैंपल मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं।