रिपब्लिक भारत न्यूज़ 28-02-2025
हिमाचल सरकार द्वारा मंदिरों में जमा राशि को दो फ्लैगशिप योजनाएं चलाने के लिए मांगने पर प्रदेश में घमासान छिड़ा हुआ है। विपक्ष ने सरकार के इस फैसले की निंदा की है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि मंदिरों का पैसा कोरोना काल, आपदा या फिर मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए जरूर खर्च किया जाता है। मगर सरकारी योजनाएं चलाने के लिए कभी भी खर्च नहीं किया गया।
कांग्रेस सरकार का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके जवाब में हिमाचल के मंदिरों से सुख आश्रय योजना के लिए पैसे लेने के सवाल पर सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर बिना तथ्यों के बयान बाजी कर रहे हैं वह उनके बयानों पर कुछ नहीं कहना चाहते।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर पलटवार किया है। राजस्व मंत्री ने कहा कि पूर्व में सीएम रहे जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुखाश्रय योजना कांग्रेस का कोई चुनावी वादा नहीं था। अगर फंड के लिए मंदिरों से मदद दी जा रही है, तो इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है।
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर तो जनता को गुमराह करने का ही काम कर रहे हैं। जब नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सीएम थे, तब कोरोना काल के दौरान मंदिरों से मदद लेते थे। क्या तब उन्हें इसकी याद नहीं आयी। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर छोटी छोटी बातों का मुद्दा बनाने में लगे हुए हैं।
सुंदर नगर से विधायक राकेश जमवाल ने मंदिरों से पैसा वसूलने के मामले में सीएम सुक्खू के बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि सुख की सरकार अब झूठ की सरकार हो गई है। एक सीएम इस तरह का सफेद झूठ कैसे बोल सकता है। जिस फैसले की पूरे देश में जग हंसाई हो रही है। उनके सचिव द्वारा समस्त डीसी को भेजा गया पत्र वायरल हो रहा है। ऐसे में एक सीएम यह कैसे कह सकता है कि विपक्ष झूठा आरोप लगा रहा है। बजटेड स्कीम के लिए मंदिरों से जबरदस्ती पैसा लेने वाले और कागजों को झुठलाने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू देश के इकलौते सीएम हैं।
बीजेपी नेता ने कहा कि लगता है हिमाचल प्रदेश में सरकार सीएम के अलावा कोई और चला रहा है। इसीलिए उन्हीं के सेक्रेटरी द्वारा प्रदेश भर के डीसी को भेजे गए पत्र की उन्हें जानकारी नहीं है और सरकारी डॉक्यूमेंट को सीएम सीधे-सीधे नकार रहे हैं। पूरे प्रदेश में कांग्रेस नीत सुक्खू सरकार की इस पर थू-थू भी हो चुकी है। इसके बाद भी सीएम इस पत्र को झूठा बता रहे हैं।
आर्थिक संकट झेल रही हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने मंदिरों से जमा राशि दो फ्लैगशिप योजनाएं चलाने के लिए मांगी है। इसे लेकर भाषा, कला एवं संस्कृत विभाग के सचिव ने कुल्लू और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों के DC को पत्र लिखा है। इसमें सरकार की सुख शिक्षा योजना और मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के लिए अंशदान देने को कहा है। यह पैसा सरकार के अधीन चल रहे मंदिरों व ट्रस्ट से मांगा गया है। राज्य सरकार ने बीते दो सालों के दौरान इन दो स्कीमों को शुरू किया है। कांग्रेस सरकार के ऐसा करने
पर घमासान छिड़ गया है।