विश्वविद्यालय में हुए प्रोफेसर भर्तियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने किया धरना प्रदर्शन

रिपब्लिक भारत न्यूज़ 15-07-2024

एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय में कुलपति ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया इस धरने में बात रखते हुए सचिवालय सदस्य मुकेश ने कहा कि पिछले लंबे समय से विश्वविद्यालय में एसएफआई 2020 में प्रोफेसर भर्तियों में हुई धांधलियों के खिलाफ न्यायिक जाँच की मांग कर रही है इन्होंने कहा की करोना काल के समय 2019-20 में पूर्व कुलपति सिकन्दर कुमार द्वारा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भर्तियों को करवाया गया था। उसके बाद एसएफआई ने इन भर्तियों पर सवाल किये थे और यह आरोप लगाया कि इन भर्तियो के अंदर काफी बड़े स्तर पर शैक्षणिक भ्रष्टाचार किया गया।

इस धरना प्रदर्शन में आगे बात रखते हुए एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कैंपस सचिव सनी सेक्टा ने कहा कि इस तरह की फर्जी प्रोफेसर भर्तियों होना विश्वविद्यालय के प्रशासन पर सवाल खड़ा करती है इन भर्तीयो को करने में हिमाचल प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार और विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सिकंदर कुमार का बड़ा हाथ है उनके द्वारा इस तरह का शैक्षणिक भ्रष्टाचार किया गया जिसके बाद लगातार विश्वविद्यालय पर उंगलियां उठ रही है।

यह बात रखते हुए कहा कि एसएफआई ने इन भर्तियो पर RTI मांग कर सूचना ली जिसमे 70% भर्ती किए गए प्रोफेसर गलत साबित हुए। इन भर्तियों को लेकर कुछ योग्य उम्मीदवार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में केस करते है और उसके बाद हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय इस पर संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के गणित विभाग में सह-प्राध्यापक के पद के लिए साक्षात्कार कोरोना काल के दौरान करवाए गए जिसमें भर्तियों के नियमों को ताक में रख कर पूर्व कुलपति सिकंदर कुमार ने अयोग्य उम्मीदवारों को भरने का काम किया और उच्च न्यायालय द्वारा विश्वविद्यालय के गणित विभाग में करवाई गयी इस भर्ती को गलत घोषित किया है।

एसएफआई इन भर्तियों का लगातार विरोध कर रही है और यह आरोप लगा रही है की इसी तरह विश्वविद्यालय के बाकी विभागो में अयोग्य लोगो को भरने का काम किया गया और एक ही विचारधारा के अयोग्य प्रोफेसर को भरने का काम प्रोफेसर सिकंदर कुमार द्वारा किया। जिसके चलते इस प्रोफेसर भर्ती में योग्य उम्मीदवारों को गलत तरीके से बाहर किया गया।

एसएफआई हिमाचल उच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करती है और प्रदेश सरकार से मांग कर रही है कि इन भर्तियों की न्यायिक जांच की जाए और जो लोग गलत तरीके से भर्ती हुए है उन पर सख्त करवाई की जाए

एसएफआई पिछले लंबे समय से प्रदेश सरकार से यह मांग कर रही है कि इन भर्तियों की न्यायिक जांच की जानी चाहिए परंतु प्रदेश सरकार द्वारा इन भर्तियो पर कोई भी जांच नहीं करवाई गई।

एसएफआई ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इन भर्तियों की न्यायिक जांच के लिए कमेटी गठित की जाए और इस पर जाँच करे। अगर इस पर प्रदेश सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो आने वाले समय में विश्वविद्यालय के अंदर प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।

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