रिपब्लिक भारत न्यूज़ 23-12-2025
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब स्थित औद्योगिक क्षेत्र गोंदपुर में एचसीसीआई में रैंप और उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मध्यम, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रदर्शन को बढ़ाने और गति प्रदान करने (आरएएमपी) पहल पर यह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सफल हुआ।
यह कार्यक्रम उद्योग विभाग केंद्र, सिरमौर (नाहन) द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय उद्यमियों और हिमाचल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, चैंबर हाउस, औद्योगिक क्षेत्र, गोंदपुर, पांवटा साहिब के उद्योग प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। सत्र की अध्यक्षता वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, डीआईसी सिरमौर के अध्यक्ष सतीश गोयल और सीईएल की ओर से रैंप परियोजना की प्रमुख साक्षी सत्ती और डीआईसी पांवटा साहिब के अर्थशास्त्र अन्वेषक बालमुकंद अग्रवाल ने की।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को उत्पादकता, दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों को अपनाने के महत्व के प्रति जागरूक करना था।इस कार्यक्रम में 21 लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) शामिल हैं, जिनमें फार्मा, प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग, इलेक्ट्रिकल, ऑटो कंपोनेंट्स, खाद्य एवं पेय पदार्थ और असेंबली उद्योग के 35 लोग शामिल हैं।
कार्यक्रम के दौरान, सीईएल के विशेषज्ञ इलैयाराजा सावरी मारियादास ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), मशीन लर्निंग (एमएल), स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) और कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीआरएम) सिस्टम जैसी डिजिटल प्रौद्योगिकियां एमएसएमई को संचालन को आधुनिक बनाने, गुणवत्ता में सुधार करने, उपकरणों की समग्र प्रभावशीलता बढ़ाने और लागत कम करने में कैसे मदद कर सकती हैं।
एमएसएमई व्यवहार्यता अध्ययनों में वास्तविक समय के उपयोग के उदाहरण भी प्रस्तुत किए गए।इसके अलावा, RAMP जागरूकता अभियान में एमएसएमई के लिए खुले बाजार तक पहुंच प्राप्त करने हेतु पंजीकरण हेतु पोर्टल https://team.msmemart.com/msme-registration-eligibility भी साझा किया गया है।
भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा समर्थित RAMP पहल का उद्देश्य एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, प्रौद्योगिकी उन्नयन को बढ़ावा देना और उद्योगों की वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने की क्षमता का निर्माण करना है। जागरूकता सत्र में हिमाचल प्रदेश में उद्यमों के बीच डिजिटल परिवर्तन को सुगम बनाने के लिए RAMP के तहत उपलब्ध योजनाओं, टूलकिट और सहायता तंत्रों पर भी चर्चा की गई।
इस अवसर पर बोलते हुए सतीश गोयल, साक्षी सत्ती और बालमुकुंद अग्रवाल ने लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए लचीले और भविष्य के लिए तैयार रहने हेतु स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने औद्योगिक इकाइयों को सरकारी सहायता का लाभ उठाने और सतत विकास के लिए ऐसी पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। सभी एमएसएमई ने सक्रिय रूप से भाग लिया और स्मार्ट एमएसएमई तथा सभी सरकारी योजनाओं के संबंध में एक लंबा प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया। यह एक ज्ञानवर्धक सत्र रहा।
कार्यक्रम में एमएसएमई प्रतिनिधियों, प्रौद्योगिकी भागीदारों और उद्योग विशेषज्ञों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। कार्यक्रम का समापन क्लस्टर स्तर पर उद्योग 4.0 समाधानों को लागू करने के व्यावहारिक दृष्टिकोणों पर एक संवादात्मक चर्चा के साथ हुआ।


