रिपब्लिक भारत न्यूज़ 26-09-2025
उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जागरूकता कार्यशाला का आयोजन हिमाचल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एचसीसीआई), गोंदपुर, पांवटा साहिब, जिला सिरमौर में किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को मजबूत करना और उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना रहा।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रमुख अतिथियों में श्री साक्षी सत्ती, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र सिरमौर; श्री गुर प्यारा, सदस्य सचिव, काला अंब; श्री अशोक पार्थ, सहायक निदेशक, एमएसएमई-डीएफओ सोलन; श्री सतीश के. गोयल, अध्यक्ष, एचसीसीआई; तथा श्री आलोक कुमार, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) शामिल थे।
कार्यक्रम में 65 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। उद्योग विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभागियों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (MSE-CDP) तथा एमएसएमई ग्रीनिंग पहल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इन योजनाओं के अंतर्गत प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना, क्लस्टर आधारित विकास को प्रोत्साहित करना तथा पर्यावरण हितैषी उत्पादन को बढ़ाना मुख्य उद्देश्यों के रूप में साझा किए गए।
अपने संबोधन में श्री साक्षी सत्ती, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र सिरमौर ने कहा कि “भारत सरकार का सूक्ष्म एवं लघु क्षेत्रों को क्लस्टर के रूप में संगठित करने का प्रयास अत्यंत सराहनीय है। हिमाचल प्रदेश में इसे उद्योग विभाग के माध्यम से लागू किया जा रहा है, जो स्थानीय उद्यमों को सशक्त और प्रगतिशील बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
बैठक में रेज़िंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) योजना तथा सर्कुलर इकॉनमी आधारित औद्योगिक विकास जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया। प्रतिभागियों ने संसाधन दक्षता, उत्पादकता वृद्धि और छोटे व्यवसायों को सुदृढ़ करने हेतु सुझाव साझा दिए।
उद्योग विभाग ने राज्य के एमएसएमई क्षेत्र को और सशक्त बनाने के लिए निरंतर संवाद, ज्ञान-साझेदारी और प्रभावी नीति कार्यान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी। इस प्रकार विभाग ने प्रदेश को अधिक नवोन्मुखी और सतत औद्योगिक विकास की दिशा में अग्रसर करने का संकल्प व्यक्त किया।