रिपब्लिक भारत न्यूज़ 25-08-2024
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के पांवटा साहिब की विदित हेल्थकेयर फार्मा कंपनी के मालिक नीरज भाटिया की बीते दिन हुई गिरफ्तारी के बाद अब उनके फार्मा कंपनी में अन्य पार्टनर पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक चुकी है। नीरज भाटिया पर बड़े स्तर पर कोरेक्स का धंधा करने के आरोप लगे है।
इसके साथ ही विदित हेल्थकेयर फार्मा पर उचित दस्तावेज सत्यापन और जमीन पर उनकी उपस्थिति के बिना और प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए फर्जी कंपनियों को कोडीन आधारित सिरप की आपूर्ति करने के भी आरोप लग चुके है। ऐसे में इसको लेकर जम्मू-कश्मीर नारकोटिक्स कंट्रोल टीम गहनता से जांच में जुटी है।
उधर, अब इस मामले में फार्मा कंपनी के अन्य पार्टनर के नाम भी उजागर हों सकते है। चूंकि, नीरज भाटिया इस कंपनी में अकेला मालिक नहीं है, उनके साथ एक उसी का सगा भाई भी ऑन रिकॉर्ड पार्टनर है, जबकि उनको सत्तारूढ़ नेताओं का पूरा आशीर्वाद रहा है।
जानकारों के अनुसार, हरियाणा राज्य से सम्बंध रखने वाला एक दिग्गज नेता जो वर्तमान में हरियाणा भाजपा में महासचिव पद पर है और पूर्व में सांसद रह चुका है। वह गिरफ्तार फार्मा मालिक नीरज भाटिया का नजदीकी रिश्तेदार भी है। भले ही जम्मू-कश्मीर नारकोटिक्स कंट्रोल टीम उन्हें अभी गिरफ्तार न कर सके लेकिन गहन जांच पड़ताल के साथ उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है।
गौरतलब हो कि पांवटा साहिब की विधित फार्मा कंपनी के मालिक नीरज भाटिया को बीते दिन जम्मू-कश्मीर की केंद्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि वह बड़े स्तर पर कोरेक्स का धंधा कर रहे थे। एजेंसी ने पिछले छह से सात वर्षों से दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय एक कुख्यात समूह के अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है और करीब 34 किग्रा. कोडीन आधारित सिरप जब्त कर लिया गया है।
बता दें कि विदित हेल्थकेयर उचित दस्तावेज सत्यापन और जमीन पर उनकी उपस्थिति के बिना और प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शेल कंपनियों को कोडीन आधारित सिरप की आपूर्ति कर रहा था।
एक जानकारी के बावजूद, विदित हेल्थकेयर के मालिक नीरज भाटिया सात साल से इन फर्जी कंपनियों के साथ मिलीभगत कर कोडीन आधारित सिरप का नियमित लेनदेन कर रहे थे। जांच के दौरान, यह पाया गया कि जनवरी 2024 से, विदित हेल्थकेयर ने जांच के तहत एक फर्जी फर्म को तीन लाख COCREX कोडीन आधारित सिरप की आपूर्ति की थी और इससे पहले भी वह औसतन 3 लाख बोतलें तिमाही यानी 12 लाख बोतलें सालाना आपूर्ति करता था।
वही, इस मामले में संलिप्त वित्तीय जांच के दौरान एजेंसी ने आरोपियों की 3.65 करोड़ रुपये की अवैध रूप से अर्जित विभिन्न चल और अचल संपत्तियों को भी जब्त कर लिया है।