रिपब्लिक भारत न्यूज़ 10-10-2024
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार में एक और घोटाले की बात कही है। यह घोटाला ट्रामा सेंटर में मैन पॉवर उपलब्ध करवाने के नाम पर हुआ। डेढ़ साल से बंद पड़ा आईजीएमसी का नव निर्मित ट्रामा सेंटर सिर्फ कागजों में चल रहा था और वहां पर अलग-अलग समय में सपोर्टिव और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति ठेकेदार के माध्यम से कर दी गई थी। अपने चहेतों को लाभ दिलवाने के लिए सभी कायदे कानून ताक पर रख दिए गए।
एक बंद पड़े ट्रामा सेंटर में सैकड़ों कर्मचारी की नियुक्ति की गई और बिना एक भी मरीज का इलाज किए ट्रामा सेंटर के मैन पॉवर के नाम पर दो करोड़ तीस लाख का बिल सरकार पर लाद दिया गया। गौरतलब है कि मैन पॉवर के लिए आने वाले खर्च को केंद्र सरकार द्वारा उठाया जा रहा है। यह केंद्र द्वारा जनहित के लिए भेजे गए पैसों की खुलेआम लूट है। फाइनेंस प्रूडेंश और फाइनेंस डिसिप्लिन के नाम पर कर्मचारियों का वेतन और पेंशनधारकों की पेंशन रोकने वाले वाले मुख्यमंत्री की नाक के नीचे इस तरह से जनहित के काम में आने वाले पैसों को अपने चहेतों में बांटा जा रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हर दिन सुक्खू सरकार के कारनामें बाहर आ रहे हैं। नया मामला लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के साथ साथ केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए पैसे की बंदरबांट का है। केंद्र सरकार के सहयोग से बने आईजीएमसी के ट्रामा सेंटर का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने फीता काटने और पट्टिका लगवाने के शौक में मुख्यमंत्री ने पिछले साल 09 मार्च को कर दिया और उसी के साथ ही मैन पॉवर की भर्ती के लिए अपने चहेते ठेकेदारों को ऑर्डर भी दे दिया। अपेक्षित मैनपॉवर को ठेकेदारों ने ट्रामा सेंटर में नियुक्ति भी दे दी लेकिन सरकार ट्रामा सेंटर को फंक्शनल करना भूल गई।
बिना इलाज किए हर महीनें ठेकेदार का बिल बनता रहा। धीरे-धीरे बढ़कर यह राशि 2 करोड़ 30 लाख हो गई। जिससे भुगतान के लिए अब ठेकेदारों ने जोर लगाना शुरू कर दिया। बीते कल ट्रामा सेंटर के फंक्शनल करने आए मुख्यमंत्री से भी ट्रामा सेंटर में तैनात कर्मचारियों ने मुलाकात की और वेतन न मिलने की शिकायत की। इसको लेकर कई बार प्रदर्शन भी किया जा चुका है।