कालका-शिमला रेल लाइन को ग्रीन हाइड्रोजन से संचालित करने का मुख्यमंत्री ने रेल मंत्रालय से किया आग्रह

रिपब्लिक भारत न्यूज़ 04-11-2024

हरित ऊर्जा राज्य के रूप में प्रमाणित किया जा सकेगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है और एक वर्ष के भीतर इस लक्ष्य को हासिल करने की संभावना है। इससे प्रदेश के उद्योगों को ‘इको मार्क’ के लिए आवेदन करने की भी अनुमति भी मिल सकेगी, जिससे उनके उत्पादों की मूल्य में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार सौर ऊर्जा उत्पादन पर भी विशेष ध्यान दे रही है, जिसके तहत अगले चार से पांच वर्षों में 2,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा के उपयोग का लक्ष्य रखा गया है। पिछले दो वर्षों में सौर ऊर्जा उत्पादन दोगुना हो गया है, जो प्रदेश सरकार की स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा की विकेन्द्रिकरण पहल के तहत ‘ग्रीन पंचायत’ योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पंचायत स्तर पर 500 किलोवाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके तहत बिजली की बिक्री से होने वाली आय का उपयोग पर्यावरण अनुकूल और सत्त विकास परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ के उत्पादन की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के सहयोग से इस सुविधा का काम चल रहा है और इस तरह की अन्य सुविधाओं के लिए निजी निवेशकों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की पहल के तहत हिमाचल पथ परिवहन निगम की 3,200 बसों के बेड़े में से 1,500 बसों को आगामी दो से तीन वर्षों में इलेक्ट्रिक बसों से बदला जा रहा है। सरकार के विभिन्न विभागों में डीजल और पेट्रोल वाहनों के बेड़े को भी इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जा रहा है।

इसके अतिरिक्त, छह प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को ई वाहनों के संचालन के लिए ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है। प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत, बेरोजगार युवाओं को इलैक्ट्रिक टैक्सी और बसें खरीदने के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है, इससे सरकारी सेवाओं में पर्यावरण अनुकूल वाहनों का संचालन सुनिश्चित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा नए उद्योगों या मौजूदा उद्योगों के विस्तार के लिए सख्त मानक संचालन प्रणाली को लागू कर सभी प्रस्तावों का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन किया जा रहा है।

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