रिपब्लिक भारत न्यूज़ 09-03-2025
तिब्बती विद्रोह दिवस, 10 मार्च को मनाया जाता है, जो राजधानी ल्हासा में चीन के क्रूर कब्जे के खिलाफ 1959 में तिब्बतियों के शांतिपूर्ण विद्रोह की 66वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। दुनिया भर में, तिब्बती और उनके समर्थक निस्वार्थ बुजुर्ग पीढ़ी द्वारा शुरू किए गए बहादुर संघर्ष के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं और उन सभी को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने तिब्बत के संघर्ष के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। सिरमौर जिले के तिब्बती पांवटा साहिब मुख्य बाजार से एमसी पार्किंग ग्राउंड तक शांतिपूर्ण जुलूस निकालेंगे और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तिब्बती मुद्दे का समर्थन करने का आग्रह करेंगे।
1959 में तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बाद से, दस लाख तिब्बती मारे गए हैं, 6000 से अधिक मठ और तीर्थस्थल नष्ट कर दिए गए हैं और हजारों तिब्बतियों को उनके राजनीतिक और धार्मिक विश्वासों के लिए कैद और प्रताड़ित किया गया है। 2009 से अब तक तिब्बत के अंदर 150 से अधिक तिब्बतियों ने तिब्बत की स्वतंत्रता और परमपावन दलाई लामा जी की तिब्बत वापसी के लिए आत्मदाह के माध्यम से अपनी दुर्दशा व्यक्त की है।
इस संघर्ष को समाप्त करने का एकमात्र तरीका यह है कि चीन तिब्बती लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए अपनी वर्तमान सख्त तिब्बत नीति को बदले। साथ ही, हम चीनी सरकार से आग्रह करते हैं कि वह तिब्बत की समस्याओं के ठोस समाधान और स्थायी समाधान के लिए दलाई लामा जी के दूतों के साथ सार्थक बातचीत करे।
इस ऐतिहासिक घटना को मनाने के लिए, सभी सिरमौर ज़िला का तिब्बती निवासी सुबह 10 बजे बिटू की दुकान पर एकत्र होंगे और पांवटा साहिब शहर के चारों ओर एक शांतिपूर्ण जुलूस शुरू करेंगे।