डॉ यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को नाहन से बाहर शिफ्ट करना जनता के भाग्य पर कुठाराघात: बिंदल

रिपब्लिक भारत न्यूज़ 13-05-2025

नाहन की जनता ने ऐतिहासिक बड़ा चौक नाहन में सांकेतिक धरना रखा इस मौके पर बोलते हुए डॉ. राजीव बिंदल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि डॉ यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज व अस्पताल नाहन की तस्वीर और तकदीर बदलने वाला संस्थान है। इस संस्थान का नाहन से बाहर ले जाना, नाहन की जनता के भाग्य पर कुठाराघात है।

डॉ. बिंदल ने कहा कि आजादी के बाद से दशकों तक नाहन में कोई बड़ा प्रकल्प नहीं आया, जिससे शहर की ग्रोथ रुक गई। पूर्व में नाहन फाउंड्री हुआ करती थी जिसमें लगभग एक हजार लोग रोजगार करते थे और शहर जीवंत था। फाउंड्री बंद होने के बाद केवल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल एकमात्र प्रकल्प आया जिसने शहर को दोबारा जीवन प्रदान करना शुरू किया।

डॉक्टर बिंदल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के भवन पूर्ण होने पर 500 बिस्तरों का अस्पताल होगा, 200 से अधिक चिकित्सक होंगे, 1000 से अधिक अन्य स्टाफ होगा, 500 विद्यार्थी होंगे, 3000 लोग प्रतिदिन ओपीडी में आएंगे, 2000 के लगभग अभिभावक प्रतिदिन शहर में आएंगे व यहाँ रहेंगे। लगभग 10 हजार लोगों का आवागमन शहर में होगा जिससे हजारों रोजगार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सृजित होंगे। अभी भी 200 बिस्तर का अस्पताल चल रहा है। डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि कहा कि आज भी 200 बिस्तर हैं, 1500 ओपीडी है 100 डॉक्टर है, 300 स्टाफ है 500 बच्चे हैं और 5000 लोगों का आवागमन प्रतिदिन है। जरा विचार कीजिए क्या नाहन को इतना बड़ा प्रकल्प और कभी मिल सकता है।

डॉ. बिंदल ने कहा कि मरीजों का इलाज उनकी सेवा का बड़ा केंद्र यहाँ बनने जा रहा है जिसे बंद करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। इस षड्यंत्र में नाहन के नेता चक्रव्यूह में फंसकर शहर को बर्बाद करने में जुटे हैं।

डॉ. बिंदल ने कहा कि बदलते परिवेश में नाहन का बाईपास भी बनेगा, नाहन की टनल भी बनेगी और यदि मेडिकल कॉलेज भी यहाँ से शिफ्ट हो गया तो नाहन शहर बर्बाद हो जायेगा। डॉ. बिंदल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए माकूल भूमि, जल, सड़क, बिजली, पानी पार्किंग के लिए स्थान उपलब्ध है व योजना का हिस्सा है फिर शिफ्टिंग क्यों की जा रही है।

डॉक्टर बिंदल ने सवाल खड़ा किया कि कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए ढाई साल बीत चुके हैं। ढाई वर्षो तक निर्माणाधीन भवन सभी पूर्ण हो जाने चाहिए थे, लेकिन आगे का काम शुरू होना चाहिए था परंतु ढाई वर्षो तक काम को बंद करके रखा गया है, कामों को जंग लगा दिया है और अब शिफ्ट करने की बात है।

डॉ. बिंदल ने कहा कि विस्तारीकरण शब्द केवल धोखा है, मायाजाल है। मेडिकल कॉलेज में तीन ऑक्सीजन प्लांट है, 25 वेंटीलेटर है, विश्व का बेहतरीन सीटी स्कैन, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड है, अच्छे ऑपरेशन थिएटर हैं। इन्हें और बढ़ाना चाहिए था नहीं बढ़ाया गया। माता एवं शिशु अस्पताल निर्माण के 20 करोड़ रूपए अलग से आए हुए हैं। उसका भवन भी रोक दिया गया है।
आज जरूरत है कि रुके हुए काम को दोबारा शुरू किया जाए।

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