बंदी सिंह स. गुरदीप सिंह खेड़ा रक्खड़ पुनिया मेले में शिरोमणी अकाली दल के समर्थन में आगे आए, लोगों से पंजाब में सामन्य स्थिति बहाल करने वाले सरदार परकाश सिंह बादल की तुलना उन लोगों से करने को कहा जो राज्य की शांति को तबाह करना चाहते हैं
बिक्रम सिंह मजीठिया ने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए अमृतसर से दिल्ली तक मार्च की अगुवाई करने का आहवाहन किया
रिपब्लिक भारत न्यूज़ 20-08-2024
बाबा बकाला ( राहुल सोनी )
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज घोषणा की है कि वह खालसा पंथ के सिद्धांतों से कभी समझौता नही करेंगें तथा पंजाब के विकास के लिए हमेशा प्रयास करेंगें।
यहां ऐतिहासिक रक्खड़ पुनिया के मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करत हुए अकाली दल अध्यक्ष ने पंथ से अपने बीच मौजूद गददारों को पहचानने की अपील करते हुए कहा, ‘‘ ये लोग उन एजेंसियों के साथ मिले हुए हैं जो अकाली दल के साथ-साथ सिख संस्थाओं को भी कमजोर करना चाहते हैं।’’
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने पूरे सिख समुदाय से भीतर और बाहर से आने वाले खतरे को पहचानने का आहवाहन करते हुए कहा कि शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को तोड़ दिया गया है और एक सुनियोजित योजना के तहत हरियाणा के लिए एक अलग गुरुद्वारा कमेटी का गठन किया गया है। उन्होने कहा,‘‘ अब हमने यह भी देखा है कि कैसे आरएसएस और भाजपा ने श्री हजूर साहिब कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर कब्जा कर लिया है। अगर हम इस हमले को नही रोकेंगें तो इसके लिए हम स्वयं ही जिम्मेदार होगें।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने इस बारे जोर देकर कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान बेअदबी की 17 घटनाएं हुई हैं, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कभी उसके खिलाफ नही बोला और सरकार इन जघन्य कृत्यों के पीछे के दोषियों को पकड़ने में भी नाकाम रही है। उन्होने यह भी बताया कि कैसे मुख्यमंत्री ने सुल्तानपुर लोधी में धर्मस्थल को अपने नियंत्रण में लेने का आदेश देकर उसकी पवित्रता का उल्लंघन किया था।
सरदार बादल ने यह भी बताया कि पिछले साढ़े सात साल के कांग्रेस और आप के कार्यकाल के दौरान पंजाब किस तरह सभी क्षेत्रों में नीचे चला गया है। उन्होने कहा,‘‘ कांग्रेस और आप दोनों ने बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन किसानों का कर्ज माफ करने यां राज्य को नशे से मुक्त करने में विफल रहे हैं।’’ उन्होने कहा कि पिछले सात साल से अधिक समय में कोई विकास नही हुआ है। उन्होने कहा,‘‘ आप जो भी विकास देख रहे हैं, वह सरदार परकाश सिंह बादल के शिरोमणी अकाली दल कार्यकाल के दौरान हुआ है, चाहे वे एक्सप्रेसवे का निर्माण हो, थर्मल प्लांट हो, जिससे राज्य बिजली सरप्लस बना गया, हवाई अडडे हों यां आटा-दाल , शगुन और एस.सी छात्रवृत्ति जैसी नई सामाजिक भलाई योजनाएं हों। उन्होने कहा कि एससी छात्रवृत्ति योजना के कारण शिरोमणी अकाली दल के कार्यकाल के दौरान सालाना 3.5 लाख दलित छात्रों को मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया गया था। उन्होने कहा,‘‘ बार-बार होने वाले घोटालों और कुप्रबंधन के कारण यह आंकड़ा अब प्रति वर्ष एक लाख से भी कम छात्रों तक रह गया है।’’
इस कांफ्रंस में बंदी सिंह भाई गुरदीप सिंह खेड़ा ने भी संबोधित किया जो अकाली दल के समर्थन में सामने आए। बंदी सिंह ने अपने जोशीले भाषण में भाई जसबीर सिंह सिंह रोडे और बलजीत सिंह दादूवाल सहित उन लोगों का पर्दाफाश किया , जो केंद्रीय एजेेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और यहां तक कि मनजिंदर सिंह सिरसा और इकबाल सिंह लालपुरा जैसे राजनेता भी बंदी सिंहों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। भाई खेड़ा ने प्रेम सिंह चंदूमाजरा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि चंदूमाजरा ने आॅपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान श्री दरबार साहिब पर हमला करने के लिए पुलिस का नेतृत्व किया था। बंदी सिंह ने कहा कि इसके विपरीत पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल कई बंदी सिंहों के पंजाब में स्थानांतरण और उसके बाद उनकी पैरोल के लिए जिम्मेदार थे। उन्होने संगत से सामान्य स्थिति बहाल करने वाले स. परकाश सिंह बादल के कार्यकाल और पंजाब में शांति भंग करने की इच्छा करने वालों में से किसी एक का चुनाव करने की अपील की है।
वरिष्ठ अकाली नेता स. बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपने जोरदार भाषण में बताया कि किस तरह से बंदी सिंहों के साथ अन्याय हो रहा है और किस तरह से उन्हे लगातार जले में रखने से उनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होने केंद्र सरकार से पूछा कि वह बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा करने और अपराधी गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल देने को कैसे उचित ठहराएगी, जो बंदी सिंहों को न्याय सुनिश्चित करने से इंकार कर रही है। उन्होने कहा,‘‘ हम ऐसी सरकार से हमारी बहन को न्याय देने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं, जिसकी कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल में बलात्कार और क्रूरता से कत्ल कर दिया गया।’’ सरदार मजीठिया ने अकाली दल अध्यक्ष से यह भी अपील की कि वह राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनके ध्यान में लाएं कि 26 लाख पंजाबियों ने बंदी सिंहों की रिहाई की मांग करते हुए अपील पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होने एसजीपीसी से बंदी सिंहों की रिहाई की मांग को लेकर अमृतसर से दिल्ली तक मार्च शुरू करने का भी आग्रह किया। उन्होने तथाकथित सुधार लहर अकाली गुट से भी अवसरवादी राजनीति नही करने की अपील की है।
एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए कमेटी द्वारा उठाए गए कदमों पर बात करते हुए बताया कि इस कार्य के लिए गठित कमेटी के कुछ सदस्यों बलजीत सिंह दादूवाल और हरमीत सिंह कालका ने इस कदम को कैसे नाकाम कर दिया है। उन्होने मुख्यमंत्री भगवंत मान से यह भी बताने के लिए कहा कि उन्होने धारा 295-ए के तहत गुरमीत राम रहीम के खिलाफ मुकदमा चलाने अनुमति देने से क्यों इंकार कर रहे हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेताओं में गुलजार सिंह रणीके, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, बलजीत सिंह जलाल उस्मा, लखबीर सिंह लोधीनंगल, वीर सिंह लोपोके, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, सरबजीत सिंह झिंझर, राजनबीर सिंह ने भी संबोधित किया।