हिमाचल की 32 दवाओं के सैंपल फेल, सेहत से खिलवाड़ 

रिपब्लिक भारत न्यूज़ 20-04-2025

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हाल ही में ड्रग अलर्ट जारी किया, जिसमें देशभर की 131 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता परीक्षण में फेल हुए, जिनमें हिमाचल में निर्मित 32 दवाएं शामिल हैं।  इनमें जोड़ों के दर्द, विटामिन, हार्ट, शुगर, आयरन, जीवाणु संक्रमण, एलर्जी, मस्कूलर डिस्ट्रोफी, दर्द निवारक, किडनी और एंटिबायोटिक दवाएं हैं ।   चार दवा उद्योगों की दो या अधिक दवाएं इस सूची में फेल हुईं हैं. इसके बाद से यहां हड़कंप मचा हुआ है।

 

सीडीएससीओ की जांच में यह भी सामने आया कि पाकिस्तान में निर्मित दो अलग-अलग ब्रांड की दवाओं के सैंपल फेल हुए, जिनमें जहरीले पदार्थ पारा (मरकरी) की उपस्थिति पाई गई ।  यह खुलासा उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे की घंटी है ।   बद्दी के ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूरs ने बताया कि फेल हुए सैंपलों के लिए कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और फेल दवा बैचों को तुरंत बाजार से हटाने के आदेश दिए गए हैं ।   सख्‍त कार्रवाई करते हुए इन कंपनियों की दवाओं की क्‍वालिटी चेक दुरुस्‍त करने को कहा गया है ।   आने वाले दिनों में इन कंपनियों पर एक्‍शन लिया जाएगा।

ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने कहा, “जिन कंपनियों के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है ।  ”हिमाचल का दवा उद्योग देश की फार्मास्यूटिकल जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करता है, लेकिन बार-बार सैंपल फेल होने की घटनाएं इसकी साख पर बट्टा लगा रही हैं ।

दवा विशेषज्ञ पृथपाल पाली, बावा हरदीप का मानना है कि गुणवत्ता नियंत्रण में कमी, अपर्याप्त निरीक्षण और नियमों का उल्लंघन होने के कारण ही दवाएं सही ढंग से नहीं बन पाईं होंगी ।   उन्‍होंने कहा है कि दवा कंपनियां अलर्ट रहें तो वहीं आम उपभोक्‍ता भी सजग रहे और दवाओं की खरीद से पहले ही उनका बैच नंबर, एक्‍सपायरी डेट जैसी जानकारी ले ।   अगर आपको दवा पर कोई आशंका है और लगता है कि यह गड़बड़ है तो तुरंत इसकी सूचना ड्रग कंट्रोलर ऑफिस में दें ।   उन्‍होंने कहा कि आम जनता की सेहत के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकना होगा।

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