रिपब्लिक भारत न्यूज़ 10-11-2024
हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के अगले साल दिसंबर 2025 में होने वाले चुनाव से पहले नई ग्राम पंचायतें बनाई जाएंगी। इससे पहले पंचायतों का पुनर्सीमांकन भी होगा। सरकार ने सभी उपायुक्तों से प्रस्ताव मांगे हैं। अभी प्रदेश में 3,615 ग्राम पंचायतें हैं। नई पंचायतें बनीं तो कई पंचायतों की सीमाएं भी बदलेंगी और इनका नए सिरे से पुनर्सीमांकन भी किया जाएगा।
पिछली बार भी पंचायत चुनाव से पहले वर्ष 2020 में भी 412 नई पंचायतें बनीं थीं। उसके बाद पुनर्सीमन की प्रक्रिया चली, जिसमें कुछ पंचायतें नगर निकायों में मर्ज हो गईं थीं। ऐसे में नई 389 पंचायतों की बढ़ोतरी ही दर्ज हुई।
सूत्रों के मुताबिक पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि नई पंचायतें बनाने का काम अप्रैल तक पूरा करना होगा। पुनर्सीमन भी समय पर करना होगा। नई पंचायतों के गठन और इनकी नए सिरे से सीमाएं तय करने के बाद आरक्षण रोस्टर का स्वरूप बदलेगा। जिसे तय करने में भी समय लगता है।
पंचायती राज निदेशालय ने सरकार को पिछले दिनों एक पत्र भी भेजा था। जिसमें पूछा था कि नई पंचायतों का गठन किया जाना चाहिए या नहीं। इसी पर सरकार अब उपायुक्तों से प्रस्ताव मांग रही है। यह मालूम रहे कि पिछली जयराम सरकार के समय 2020 में कई नई पंचायतें अस्तित्व में आई थीं। उससे पहले हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2010 और 2015 के चुनाव से पहले नई पंचायतों का गठन नहीं किया था, जबकि आमतौर पर हर चुनाव से पहले इनका गठन होता रहा है।
उपायुक्तों से नई ग्राम पंचायतों को बनाने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। नियमानुसार नई पंचायतें बनाना जरूरी हुईं तो इनका गठन किया जाएगा। इसके लिए नियम देखकर ही फैसला होगा: अनिरुद्ध सिंह