रिपब्लिक भारत न्यूज़ 23-07-2024
शिक्षा विभाग ने बीएड की फर्जी डिग्री लेकर नौकरी कर रही एक अध्यापिका को बर्खास्त कर दिया है। यह मामला 2020 में सामने आया था। इसके बाद शिक्षिका ने न्यायालय की शरण ली थी, लेकिन न्यायालय से भी राहत नहीं मिली।
शिक्षिका ने उत्तर प्रदेश के भारतीय शिक्षा परिषद से बीएड की डिग्री प्राप्त की थी। इस विश्वविद्यालय को यूजीसी दिल्ली ने फर्जी घोषित किया है।
जानकारी के मुताबिक साल 2016 में अध्यापिका राजकीय स्कूल बंदला में टीजीटी कला के पद पर नियुक्त हुई। तीन साल की नौकरी करने के बाद साल 2020 में नियमितीकरण के लिए स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष दस्तावेज पेश किए गए।
कमेटी ने पाया कि बीएड की डिग्री भारतीय शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से ली है। इस पर अध्यापिका की नियमितीकरण की प्रक्रिया को रोक कर तत्काल सेवाएं समाप्त करने का नोटिस जारी किया गया, लेकिन अध्यापिका ने आदेश को रद्द करने और अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए साल 2022 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की। जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।
साल 2023 में अध्यापिका ने हाईकोर्ट में एलपीए दायर की। न्यायालय ने इस साल अप्रैल में एलपीए का निपटारा करते हुए मामले को खारिज कर दिया। शिक्षा निदेशालय की ओर से 20 जुलाई को अध्यापिका को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं। शिक्षा उपनिदेशक बिलासपुर राजकुमार शर्मा ने आदेश जारी करने की पुष्टि की है।