आयुष्मान के बाद ईडी के रडार पर हिमकेयर व अन्य स्वास्थ्य योजनाएं 

रिपब्लिक भारत न्यूज़ 03-08-2024

 

ईडी को फर्जी आयुष्मान कार्ड से करोड़ों के फ्रॉड मामले में छापामारी के दौरान आयुष्मान भारत योजना, हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों और दस्तावेजों जब्त किए हैं। बीते दिनों प्रदेश सरकार ने मंत्री मंडल की बैठक में हिमकेयर योजना से निजी अस्पतालों को बाहर कर दिया है।

गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2018 से 2024 तक आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में मरीजों के उपचार के लिए 322.16 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है, जिसमें 105.93 करोड़ स्टेट शेयर और 216.23 करोड़ सेंटर का शेयर शमिल है। इसके अलावा मुख्यमंत्री हिमाचल हैल्थ केयर स्कीम में वर्ष 2018 से 2024 तक सात लाख 64 हजार 707 मरीजों का उपचार किया गया। इन मरीजों के उपचार के लिए 987.79 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है।

इसमें अस्पतालों की 370 करोड़ देनदारी अभी बाकी है। आयुष्मान योजना में ईडी की अब तक की गई जांच के अनुसार इस मामले में लगभग 25 करोड़ रुपए की अपराध आय शामिल है। ईडी ने बीते बुधवार को दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में  20 स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत छापामारी की थी।

ईडी की छापेमारी में 88 लाख रुपए (लगभग) नकद, चार बैंक लॉकर और 140 संबंधित बैंक खाते मिले। इसके अलावा, अचल और चल संपत्तियों, खातों की पुस्तकों और अन्य दस्तावेजों के अलावा, मोबाइल फोन/ आईपैड, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव के रूप में 16 डिजिटल डिवाइस पाए हैं, जिनमें आयुष्मान भारत योजना, हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों और दस्तावेजों के बारे में जानकारी थी और उन्हें जब्त कर लिया गया।

जब्त किए गए दस्तावेजों में अस्पतालों के दावों के बारे में जानकारी है और इसमें 23 हजार मरीजों के लिए 21 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेनदेन शामिल हैं। छापामारी में कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें सरकार को किए गए दावों और अस्पताल में मौजूद फाइलों में मौजूद वास्तविक आंकड़ों में भारी अंतर था। ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि मरीजों के नाम पर दावों से संबंधित कई फाइलें गायब हो गई हैं।

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